कुटिल वचन नहिं बोलिए, शीतल बैन ले चीन्हि
गंगा जल शीतल भया, परबत फोडा तीन्हि
कभी भी कड़वे वचन मत बोलो, शीतल वचनों को समझो तथा उन्हीं का प्रयोग करो। पावन गंगा जल को देखो। उस शीतल जल ने पर्वत फोड़कर अपना मार्ग भी बना लिया, अर्थात मधुर वचनों द्वारा कठोर हृदय वाले व्यक्ति को भी अपने अनुकूल बनाकर कार्य सिद्ध कर सकते हैं।
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