समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

Friday, July 13, 2007

संत कबीर वाणी: गंगा जल शीतल भया

NARAD:Hindi Blog Aggregator
कुटिल वचन नहिं बोलिए, शीतल बैन ले चीन्हि
गंगा जल शीतल भया, परबत फोडा तीन्हि
कभी भी कड़वे वचन मत बोलो, शीतल वचनों को समझो तथा उन्हीं का प्रयोग करो। पावन गंगा जल को देखो। उस शीतल जल ने पर्वत फोड़कर अपना मार्ग भी बना लिया, अर्थात मधुर वचनों द्वारा कठोर हृदय वाले व्यक्ति को भी अपने अनुकूल बनाकर कार्य सिद्ध कर सकते हैं।

No comments:

विशिष्ट पत्रिकायें