
1.कुछ बातें किसी के समक्ष नहीं प्रकाशित करनी चाहिए जैसे -अपनी सिद्ध ओषधि, अपने धर्म-कर्म का रुप, घर के दोष, पति-पत्नी के आपसी संबंध, बुरा भोजन, और निंदा। दूसरों के सामने अपनी यह बातें कहने से बदनामी ही होती है, और किसी प्रकार के लाभ की आशा करना ही बेकार है।
२.मैले वस्त्र धारण करने, दांत साफ न रखने, सूर्योदय व सूर्यास्त के समय सोने , कटु वचन बोलने और अधिक भोजन करने वाले मनुष्यों को समाज में न तो धन प्राप्त होता है न यश। समाज में ऐसे व्यक्ति को ऊंची दृष्टि से नहीं देखा जाता। यदि साक्षात विष्णु भी हौं तो लक्ष्मी उन्हें छोड़ देती है, अन्यों का तो कहना ही क्या?
1 comment:
जारी रखें चाणक्य नीति का प्रस्तुतिकरण.
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