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Sunday, July 8, 2007

संत कबीर वाणी: कौवा कभी हंस नहीं बन सकता

NARAD:Hindi Blog Aggregator

दाग जू लागा नील का, सौ मन साबुन धोय
कोटि जतन परमोघिये, कागा हंस न होय
नील का दाग लग जाने पर, उसे सौ मन साबुन से धोने पर भी वह साफ नहीं किया जा सकता इसी प्रकार कौवा
करोडों प्रयास कर ले वह हंस नहीं बन सकता।

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