समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

Friday, May 15, 2015

भारत और चीन के बीच अध्यात्म तत्व मैत्री का आधार बन सकता है-हिन्दी चिंत्तन लेख(india and china relation:adhyatma poind between both country-hindi article)


      भारतीय प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान राजनीतिक विषयों पर चर्चा huee पर जिस तरह इसमें अध्यात्मिक तथा धार्मिक तत्व के दर्शन हुए वह नये परिवर्तन का संकेत हैं।  आमतौर से वामपंथी विचाराधारा के चीनी नेता धर्म जैसे विषय पर सार्वजनिक रूप से मुखर नहीं होते न ही अपने देश से बाहर के लोग प्रेरित करते। जिस तरह नरेंद्र मोदी ने वहां जाकर बौद्धिवृक्ष का पौद्या उपहार के रूप में सौंपा और प्रत्युपहार में उन्हें बुद्ध की स्वर्णिम प्रतिमा सौंपी गयी वह वैश्विक राजनीतिक में एक नया रूप है।
             चीनी नेताओं ने जिस तरह शियान के बौद्ध मंदिर में फोटो खिंचवाये उससे यह लगता है कि अभी तत्काल नहीं तो भविष्य में चीनी जनता के हृदय में भारत के प्रति परिवर्तन अवश्य आयेगा। अभी तक विश्लेषकों की जानकारी सही माने तो वहां पाकिस्तान केा मित्र तथा भारत को विरोधी ही माना जाता है।  हमारा मानना है कि जब तक चीनी प्रचार माध्यम जब तक भारत के प्रति वहां के जनमानस में सद्भाव नहंी स्थापित करते तब दोनों के बीच राजनीतिक साझेदारी जरूर बने पर संास्कृतिक तथा सांस्कारिक संपर्क स्थाई नहंी बन सकते।
वैसे हमें लगता है कि चीनी रणनीतिकार भारत के प्रति कृत्रिम सद्भाव दिखा रहे हैं क्योंकि वह धार्मिक विचाराधारा को अपनी राजकीय सिद्धांत बनाने वाले पाकिस्तान के प्रति उनकी बढ़ती निकटता भारत के लिये खतरा ही है। बौद्ध और भारतीय धर्म समान सिद्धांतों पर आधारित हैं। भारत में जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर तो भगवान बौद्ध के न केवल समकालीन वरन् समकक्ष ही माने जाते हैं।  दोनों ही अहिंसा सिद्धांत के प्रवर्तक रहे हैं।  एक आम भारतीय के लिये भगवान महावीर तथा बुद्ध में समान श्रद्धा है। ऐसे में अध्यात्मिक चिंत्तकों के लिये चीन का धार्मिक तत्व के प्रति झुकाव दिखना रुचिकर है। पाकिस्तान की राजकीय विचाराधारा चीन तथा भारत दोनों के लिये समान चुनौती है जिसमें धर्म के आधार पर आतंकवाद निर्यात किया जाता है। ऐसे में चीन का उससे मेल संशय का परिचायक है।  साथ ही यह विचार भी आता है कि कहीं चीन का राजनीति में धार्मिक तत्व का मेल कहीं इस समय भारत से तात्तकालिक औपचारिकता निभाने भर तो सीमित नहीं है।
    एक बात तय है कि भारत और चीन की निकटता में अध्यात्म तत्व ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सांसरिक विंषयों से बने संपर्क अधिक समय तक नहीं टिके रहते।
-------------------
दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
यह कविता/आलेख रचना इस ब्लाग ‘हिन्द केसरी पत्रिका’ प्रकाशित है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन की अनुमति लेना आवश्यक है।
इस लेखक के अन्य ब्लाग/पत्रिकायें जरूर देखें
1.दीपक भारतदीप की हिन्दी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का  चिंतन
4.दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका
5.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान का पत्रिका

८.हिन्दी सरिता पत्रिका 

No comments:

विशिष्ट पत्रिकायें