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Saturday, March 1, 2008

संत कबीर वाणी: इस संसार में अनेक विषैले फल लगे हैं

जहर पराया आपना, खाए से मरि जाय

अपनी रक्षा न करै, कहैं कबीर समुझाय

संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि अपना हो या पराया विष तो विष है, उसके खाने से आदम मर जाता । उसी तरह विषय कभी भी हमारी रक्षा नहीं कर सकता।

नारि पुरुष सबहीं सुनो, यह सतगुरु की साख

विष फल फले अनेक हैं, मति कोइ देखो चाख

संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि नारी और पुरुष सब मिलकर सुनो सदगुरु की शिक्षा है इस संसार में अनेक विषैले फल लगे रहते हैं उन्हें कभी भी चख कर मत देखो।

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