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Tuesday, July 10, 2007

संत कबीर वाणी: जहाँ न जाको गुन लहै

NARAD:Hindi Blog Aggregator

जहाँ न जाको गुन लहै , तहां न ताको ठांव
धोबी बसके क्या करे, दीगम्बर के गाँव
इसका आशय यह है कि जहाँ पर जिसकी योग्यता या गुण का प्रयोग नहीं होता, वहाँ उसका रहना बेकार है। धोबी वहां रहकर क्या करेगा जहां ऐसे लोग रहते हैं जिनके पास पहनने को कपडे नहीं हैं या वह पहनते नहीं है। अत: अपनी संगति और स्वभाव के अनुकूल वातावरण में रहना चाहिए।

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