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Sunday, July 15, 2007

चाणक्य वाणी: विपरीत स्वभाव

NARAD:Hindi Blog Aggregator

  1. भाग्य में लिखा बिना कार्य के कैसे होगा? आम खाना भाग्य में लिखा है तो आम के पेड की नीचे मूहं खोलकर लेटने से भी आम मुहँ में नहीं जायेगा। उसके लिए हाथ से कर्म करना होगा।
  2. तेल में जल नहीं मिल सकता। घी में जल नहीं मिलता। पारा किसी में नहीं मिल सकता। इसी प्रकार स्वभाव वाले एक दुसरे में नहीं मिल सकते.

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