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Saturday, May 19, 2007

शब्द और अर्थ का धंधा

NARAD:Hindi Blog Aggregatorशब्दों की जादूगरी
बातों की बाजीगरी
उनका कोइ धर्म -ईमान नहीं है
कमाने की है कारीगरी
सुन शब्द सारथी की बात
उठाईगीरों का भी कोई नियम होता है
माँ को ठ्गेंगे नहीं
भाई-बहिन को लुटें गे नहीं
पर करते हैं जो शब्दों से धधा
उनका किसी से रिश्ता नहीं होता
बात कायदों की करेंगे
काम होंगे सब बेकायदा
क़समें खाएंगे ईमान की
बैईमानी के बिना जिनको
खाना हज़म नहीं होता
तुम जिसके बन्दे हो उसी पर ही
अपनी नज़र रखना
किसी ओर से उसका पता न पूछना
तुम बंदगी करते रहो
जब उसके दिल में होगा
आएगा तुम्हारे दर
किसी की बनाई तस्वीर पर
तुम दिल न लगाना
तस्वीरें तो यहां बिकती हैं
पर वह तो तुम्हारे दिल में रहता है
पर तुम अपने धर्म में रहना
जो बेचते हैं शब्द और अर्थ
उनका धर्म कमाना होता है
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1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

सारथी जी,रचना अच्छी है ।यह पंक्तियां सुन्दर बन पड़ी हैं-

तुम जिसके बन्दे हो उसी पर ही
अपनी नज़र रखना
किसी ओर से उसका पता न पूछना
तुम बंदगी करते रहो
जब उसके दिल में होगा
आएगा तुम्हारे दर

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