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Wednesday, August 2, 2017

योग साधक ही अपने कार्य में निरंतरता रख सकते हैं-हिन्दी लेख (A Yoga Sadahk has been Good workd=er)

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                             मोदी जी योगसाधक हैं-यह बात हमारे जैसे सामान्य योग साधकों के लिये आकर्षण का विषय स्वाभाविक रूप से रहती है। हमने देखा है कि योगसाधकों के चिंत्तन, मन तथा अनुसंधान का तरीका एक जैसा ही रहता है क्योंकि वह हर विषय के प्राकृत्तिक तथा सैद्धांतिक आधारों का अध्ययन कर ही निष्कर्ष निकालते हैं।  जिसने आष्टांग योग का अध्ययन कर लिया तो उसे किसी प्रकार के अध्ययन की आवश्यकता भी नहीं होती। बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी की मनस्थिति का ज्ञान उनके इर्दगिर्द लोगों को भी नहीं हो सकता-विरोधियों की तो बात ही छोड़िये।  संदर्भ कश्मीर का है।  कश्मीर की मुख्यमंत्राणी कहती हैं कि प्रशासनिक कार्यवाही से अलगाववादियों को नहीं साधा जा सकता-इसका अर्थ यह है कि केद्रीय एजेसियों ने अलगाववादियों के विरुद्ध जो मोर्चा खोला है वह उससे नाखुश हैं।  संभव है कि मोदी जी के अनेक समर्थक भी ऐसा ही सोचते हों पर सच यह है कि कश्मीर का मसल अब लंबा खिंचने वाला है क्योंकि मोदी जी ने शत्रुओं की जड़ों पर हमला किया है।  हम देख रहे हैं कि किसी भी समाज में पैसे के लिये आदमी किसी भी हद तक चला जाता है मिले तो एक कदम से भी लाचार होता है।
                               भले ही मोदीजी ने घोषित नही किया कि वह कश्मीर के बारे में क्या सोचते हैं पर हमारा मानना है कि उन्होंने तय कर लिया है कि पैसे के दम पर कश्मीर को बंधक बनाने वालों का चक्रव्यूह तोड़े बिना वह मानेंगे ही नहीं।  वहां की मुख्यमंत्राणी को मोदी जी अभी हटाने का प्रयास नहीं करेंगे चाहे वह कितने भी बुरे बयान देती रहे।  आखिरी बात यह कि मोदी जी ने कहा था कि तीन साल तक विकास के लिये काम करता रहूंगा बाद में चुनाव से दो साल पहले राजनीति करूंगा।  इतना ही नहीं उन्होंने सेवानिवृत राष्टपति प्रणवमुखर्जी को अपना पितृतुल्य बताते हुए बताया कि उन्होंने नये नये प्रधानमंत्री होने पर उनकी मदद की। अनेक महत्वपूर्ण अवसरों पर उन्होंने ही हिम्मत बंधाई।  
                             हमें लगता है कि मोदी जी देश के अन्य प्रधानमंत्रियों से कहीं अधिक प्रभावशाली सिद्ध होंगे। आरंभिक दिनों में वह केवल अध्ययन ही करते दिखे थे। एक योग साधक बिना किसी अध्ययन या चिंतन के कोई भी काम नहीं करता। अनेक बार मोदी जी ऐसी बात कह जाते हैं जो केवल सहज योग के अभ्यासी ही कह सकते हैं।  सबसे बड़ी बात है कि अपने कार्य में निरंतरता बनाये रखना केवल योग साधकों के लिये ही संभव है और यही बात हमें मोदी जी में दिखती है।

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