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Wednesday, November 11, 2015

हिन्दू राजा अध्यात्मिक प्रेरक होने के कारण ज्यादा लोकप्रिय(Hindu King Most Popular His Spirutual Inspration Hindu Raja Adhyatmik prerak Hone ke kaaran Jyada Lokpriya)


                                   कर्नाटक के टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर विवाद चल रहा है।  प्रश्न यह है कि हमारे देश में अभी इतिहास के राजपुरुषों से चिपक कर क्यों चला जा रहा है। हमारे देश की जनता राजपुरुषों से अधिक अध्यात्मिक ज्ञानी पुरुषों को याद रखती है।  राजाओं को लेकर ज्यादा आकर्षण भारतीयों में नहीं देखा जाता।  राजाओं का कार्यक्षेत्र केवल सांसरिक विषयों तक ही सीमित रहता है।  अच्छे राजा को इतिहास में दर्ज किया जाता है पर उसे अध्यात्मिक प्रतीक नहीं माना जाता।
                                   हमारे यहां आज भी विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त तथा अशोक को याद किया जाता है पर अकबर सहित अनेक बादशाह उन जैसी लोकप्रियता नहीं प्राप्त कर सके। इसका कारण यह है कि हिन्दू राजा कहीं न कहीं अध्यात्मिक रूप से भी प्र्रेरक बने जबकि मुगल बादशाहों में यह विषय नहीं दिखाई दिया।  प्रस्तुत है इस विषय पर किये गये ट्विटर।
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                                   हम यहां साफ कर दें कि राम कृष्ण और हनुमान को इस देश के हृदय में जननायक हो सकते हैं टीपु सुल्तान जैसे कई आये और गये।
                                   टीपू सुल्तान जैसे कई राजा आये और गये भारतीय जनमानस में आज भी राम, कृष्ण और हनुमान ही हृदय नायक हैं और रहेंगे। क्या टीपू सुल्तान जैसे राजाओं को इसलिये याद किया जाता है ताकि भारतीय जनमानस से राम, कृष्ण व हनुमान जी का नाम मिटाया जा सके जो सफल नहीं हो सकता।  टीपू सुल्तान भारतीय पहचान का प्रतीक नहीं माना जा सकता है क्योंकि उसकी कोई अध्यात्मिक छवि नहीं है और भारत की विश्व में पहचान उसके प्राचीन महानायकों की वजह से ही है।
                                   समस्त महानुभावों को दीपावली पर हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें। हमेशा ही सभी के  जीवन में प्रसन्नता तथा उत्साह का भाव रहे यही हमारी कामना है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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