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Tuesday, July 3, 2007

संत कबीर वाणी: बगुला और हंस की बुद्धि

NARAD:Hindi Blog Aggregator

  • कबीरा लहर समुद्र की, निष्फल कभी न जाय
  • बगुला परख न जानई, हंसा चुग-चुग खाय

इसका आशय यह है समुद्र की लहर भी निष्फल नहीं आती । बगुला ज्ञान रहित होने के कारण उसे मत्स का आहार कर अपना जीवन व्यतीत करता है- परन्तु हंस बुद्धिमान होने के कारण मोतियों का आहार का अपने जीवन को व्यतीत करता है।

*लेखक का मत है कि मनुष्य में जो बुद्धिमान होते हैं वह अपना जीवन अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए भगवान् की भक्ति भी करते हैं जबकि अन्य लोग अपना पूरा जीवन माया के पीछे भागते हुए गुजार देते हैं ।

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