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Saturday, July 7, 2007

चाणक्य वाणी:मुर्गे से भी सीखना चाहिए

NARAD:Hindi Blog Aggregator

मनुष्य को शेर व बगुले से एक-एक गुण, मुर्गे से चार गुण सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। कुत्ते से छ:, गधे से तीन और कौवे से पांच गुण सीखे जा सकते हैं।

  1. सिंह का जातिगत गुण-अपने शौर्य से अपना पेट भरना
  2. बगुले का विशिष्ट गुण-अपने साथियों को सज्जनता का विश्वास का विश्वास दिलाना।
  3. मुर्गे के जातिगत गुण-प्रेयसी पर अपना प्रभाव रखना, जाति बंधुओं से मिलकर रहना। प्रात: उठना और सदैव युद्ध के लिए तत्पर रहना
  4. कुत्ते के गुण-स्वामिभक्ति, संतोष,सहनशीलता,सावधानी, दृ-निश्चय और शत्रु पर झपटना।
  5. गधे के तीन गुण-भार ढोना, शांत रहना, फल की इच्छा न करना

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