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लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर
Wednesday, June 27, 2007
चाणक्य नीति:सांप के साथ रहना ज्यादा अच्छा
दुर्जन और सांप के साथ रहना एक जैसा दुखदायी होता है, और दोनों में से एक के साथ मजबूरीवश रहना भी पडे तो दुर्जन के साथ रहने की अपेक्षा सांप के साथ रहना ज्यादा अच्छा है। क्योंकि सांप तो अपने जीवन पर संकट आने पर ही काटता है , पर दुष्ट तो समय-असमय और कारण-अकारण कष्ट देने के लिए प्रयास करता है। दुर्जन द्वारा पहुंचायी गयी पीडा सर्पदंश से ज्यादा खतरनाक होती है। इसीलिये दुर्जन से कोई संबंध नहीं रखना चाहिऐ, वह कभी भी विश्वासघात कर सकता है।
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