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Wednesday, April 4, 2007

क्रिकेट पर एक फालतू संपादकीय

आख़िर सचिन प्रकट हो गये। उनके भक्त उन्हें भारत के विश्व कप से बाहर होने के बाद से से ढूँढ रहे थे। उन्हें भी इंतज़ार था कि कब मोका मिले और बयाँ देकर यह जटाएं कि भईया हम अभी क्रिकेट खेलेंगे। वह ग्रेग चैपल के ऐसे बयाँ पर प्रतिक्रिया देने के लिया बाहर आये जिसकी पुष्टि होना बाकी है कि वह उन्होने दिया भी कि नहीं। यह बयां टीवी और अखबारों में प्रकाशित हुआ था। ऐसा लगता है कि सचिन के ऐसे भक्त पत्रकारों ने लीक करवाया जो उन्हें बाहर आने का अवसर देना चाहते थे । उनकी मदद क्रिकेट से जुडे ऐसे लोगों ने की जिनके हाथ वह रिपोर्ट हाथ लग गयी जिसमें उन्होने सचिन सहित पांच खिलाड़ियों को अनुशासन हीनता में लिप्त बताया था।
ऐसा लगता है कि बोर्ड केलोगों ने शायद विदेशी कोच इसलिये रखा था कि बडे नाम वाले इन खिलाड़ियों को तो हटा नहीं सकते क्यौंकी इनके आका सभी जगह बैठें हैं और क्रिकेट उनके पैसे या ताकत के बिना चल भी नहीं सकता।
एक बात और है कि भारतीय टीम की ऎसी दुर्दशा का अंदेशा उन्हें पहले से ही था यही वजह थी कि उन्होने विदेशी कोच रखा ताकी खिलाडी उस पर बरस कर देश के लोगों का ध्यान बँटा सकें।
मैं सचिन के इस बयां के बाद टीवी चैनलों पर उनके समर्थक खेलप्रेमियों के संदेश देखकर यह समझ सकता हूँ कि अब लोगों के जज्बातों से खेलने का दूसरा दौर शुरू हो चूका है। सचिन जिस तरह बाहर आया है वह उसकी अपनी योजना का हिस्सा नहीं हो सकता। कल जब मैंने चैपल का बयां देखा था तभी यह समझ में आ गया था कि अब देशी विदेशी का मामला बनेगा। सचिन अभी भी यह सोच रहे हैं कि लोगों के वह हीरो हैं तो अपनी गलतफहमी दूर कर लें । काठ की हांडी एक बार चढ़ती है वह तो भाग्शाली हैं कि चार बार इसे चार बार चडा गये। अब कहते हैं कि मैंने देश के लिया बहुत क्रिकेट खेली है। क्रिकेट मेरा जीवन है , इसके द्वारा मैंने देश की भारी सेवा की है।
हम उनका हर दावा मान लेते हैं। पर हमारा कहना है कि आप अब दुसरे खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए वहन से हटने की घोषणा क्यों नहीं कर देते/ जाहिर है वह ऐसा नही करेंगे क्योंकि उनके लोगों ने बढ़ी कठिनाई से उन्हें जनता के सामने आनी का मौका बनाया है इसीलिये नही कि वह सन्यास ले लें ।
बहुत कम लोगों का ध्यान इस तरफ जाएगा कि अभी भी एक मौका और आने वाला है टीम इंडिया की लुटिया डुबोने का। अभी कुछ दिनों में दखिन अफ्रीका में बीस-बीस ओवेरों का एक विश्वकप होने वाला है। यह उसकी तैयारी है। एक बात और बता दूं एक दिवसीय क्रिकेट के समय बीट गया। अब बीस-बीस ओवेरों का समय आने वाला है। अपने सचिन भईया अ ब उस पर अपनी द्रष्टि जमाये हुए हैं। उनके साथ जुडे लोगों को अभी भी उन पर भरोसा है। इस समय जो विज्ञापन आऊट देतेद हो गये भारतीय टीम के बाहर होने से वह उस समय काम आएंगे।

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