समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

Sunday, September 13, 2015

दीपकबापू वाणी का सुपरसंडे (Deepak Bapu Wani & Super Sunday of Media)

एक टीवी चैनल बहस में प्रायोजित विद्वानों के बीच हाथापाई करवाकर विज्ञापनों की कमाई से सुपरसंडे मनाते देखा। अच्छा प्रयास है। चैनल वाले स्वयं मान रहे हैं कि कथित धार्मिक विद्वान आते रहे हैं। इसलिये हाथापाई प्रायोजित होने को संदेह तो होगा। अनेक धार्मिकगुरु तो चैनल वालों ने ही बना दिये हैं। इसलिये उनके बीच हाथापाई होने से पूर्व में निर्धारित दिखती है। टीवी चैनल पर बहस के साथ बीच में  हाथापाई भी प्रायोजित होना भी व्यवसायिक दृष्टि से बुरा नहीं कहा जा सकता।  टीवीचैनल पर बहस के बीच हाथापाई होने के बाद उसके समाचार के बीच विज्ञापनों की रैली! दिलचस्प सुपरसंडे।
दीपकबापूवाणी
--------------
भूलने का रोग बहुत अच्छा, अच्छी याद्दाश्त लाती संकट बड़े।
दीपकबापूगुलाब तोड़े डाली सेछोड़े वहीं कंटक खड़े।।
-------------
सच हमेशा कड़वा होता, अपना राज भी लोगों से छुपायें।
दीपकबापूमधुमेह से ग्रसित, समाज को मीठे से लुभायें।।
...............
दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
यह कविता/आलेख रचना इस ब्लाग ‘हिन्द केसरी पत्रिका’ प्रकाशित है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन की अनुमति लेना आवश्यक है।
इस लेखक के अन्य ब्लाग/पत्रिकायें जरूर देखें
1.दीपक भारतदीप की हिन्दी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का  चिंतन
4.दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका
5.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान का पत्रिका

८.हिन्दी सरिता पत्रिका

No comments:

विशिष्ट पत्रिकायें