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Sunday, August 2, 2015

भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर बहस-1(discussion on india pakistan divide in to nation-hindi article-1)


                    भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान बना। धड़ी की सुईयां  आधे घंटे  पीछे कर उसे 14 अगस्त को आजादी दी गयी। पाकिस्तान के इतिहास में यह आजादी अंग्रेजों से नहीं भारत से मिली बताई जाती है।  अत्याचार की कहानियां अंग्रेजों की नहीं भारतीय अध्यात्मिक विचाराधारा वाले समाज के अन्याय की पढ़ाई जाती हैं।  पाकिस्तानी मूल के एक कनाडाई लेखक ने अनेक दिलचस्प जानकारियां दी हैं जिससे भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर बहस फिर शुरु हो गयी है।  उसके अनुसार तो ब्लूचिस्तान तो भारत पाकिस्तान से पहले ही आजाद हो गया था। आजादी के बाद पाकिस्तान ने पहले कश्मीर और फिर ब्लूचिस्तान पर कब्जा किया। यह तथ्य भारतीय इतिहास में छिपाया गया या गलत है पता नहीं। अगर इसे छिपाया गया है तो फिर दक्षिणपंथी विद्वानों का या आरोप सही है कि विदेशी विचाराधारा वाले इतिहासकारों ने पक्षपातपूर्ण इतिहास लिखा।
                              इस लेखक के पूर्वज सिंध से आये हैं और आज तक इस बात का जवाब इसे नहीं मिला कि आखिर सिंध किसके बाप कस है जो पाकिस्तान का हिस्सा मान लिया गया है।  सिंध से हिन्दुओं के पलायन के बाद भी वहां जियो सिंध आंदोलन जारी रहा है। पाक के मूल लेखक ने बताया है कि भारत से गये उर्दू भाषी लोग सबसे ज्यादा सिंध में आये और उन्होंने न केवल अपनी भाषा पूरे पाकिस्तान पर थोपी वरन् इस्लाम के नाम पर अपनी श्रेष्ठता दिखाते हुए दूसरे समुदायों को त्रास दिया।  वह सिंधियों और शिया लोगों को आज भी अपने लिये असहनीय मानते हैं।  इतना ही नहीं उस लेखक ने तो यहां कहा कि शिया मुसलमान केवल भारत में शान से कह सकते हैं कि वह शिया हैं बाकी किसी भी मुस्लिम राष्ट्र में उनको सुन्नी का छदम रूप रखना पड़ता है।
                              इस लेखक ने अनेक लेखों में लिखा है कि पाकिस्तान एक राष्ट्र नहीं है वरन् उसके तीन प्रांत-सीमा प्रांत, ब्लूचिस्तान तथा सिंध-उपनिवेश बन गये हैं जो पंजाबियों का दबदबा सहन कर रहे हैं। पाकिस्तान का अस्तित्व अमेरिका तथा सऊदी अरब की वजह से हैं। उसे तोड़ना भारत के लिये सरल है पर भारत के रणनीतिकारों का एक वर्ग मानता है कि उसका बना रहना भारत के हित में ही है। यह अलग बात है कि उसके हमले निरंतर हो रहे हैं और दूसरा वर्ग मानता है कि उसे तोड़ने में ही शांति है। हमें बीच का मार्ग श्रेष्ठ लगता है।  पाकिस्तान के सिंध, ब्लूचिस्तान और पख्तूनिस्तान प्रांत को अलग कर तीन नये राष्ट्र बनवा दिये जायें।  वैसे भी पाकिस्तान का मतलब पंजाब ही होता है। भारत में शांति के लिये पाकिस्तान का अस्तित्व मिटना जरूरी है। शेष अगली किश्तों में
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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