अपने अपने लाभ को, ठौर ठौर बटपार
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि जो शब्द सत्य के अनुसार है उसी का विचार कर कहो। अधिक बोलने वाले गुरु बहुत है जो अपने स्वार्थ के लिये दूसरों को बातें बनाकर ठगते हैं। ऐसे गुरुओं की बात पर विचार न कर अपने विवेक क अनुसार वचन बोलो।
शब्द पाय सुरति राखहि, सो पहुंचे दरबार
कहैं कबीर तहां देखिए, बैठा पुरुष हमार
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि जो सत्य वचनों के ज्ञान को ग्रहण कर लेता है वह परमात्मा की भक्ति पा लेता है। उसे ऐसा लगता है कि वह भगवान की दरबार में ही बैठा है।
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संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप
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