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Wednesday, February 27, 2008

संत कबीर वाणी:पुत्र से श्रेष्ठ होता है शिष्य

कबीर समुझा कहत है, पानी थाह बताय
ताकूँ सतगुरु का करे, जो औघट डूबे जाय


संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं की किसी मनुष्य को अपने अनुभव के अनुसार पानी की थाह बताई जाये और उसके बाद भी यदि आदमी घाट में गहरे अपनी में डूब मरे तो उसके लिए कोई उपाय नहीं है. इसी तरह गुरु का ज्ञान न मानने वाले का भी क्या उपाय है?

जो गुरु पूरा होय तो शीषहि ले निबाहि
शीष भाव सुत्त जानिए, सूत ते श्रेष्ठ शिष्य आहि


संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं की ज्ञानवान गुरु मिल जाये तो शिष्य का निर्वाह उससे हो जाता है. शिष्य भाव भी पुत्र भाव है. पुत्र से श्रेष्ठ तो शिष्य होता है क्योंकि पुत्र सांसरिक स्वार्थवश है और शिष्य तो इस संसार में ज्ञान की वजह से मिलता है.

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