निन्दक ते कुता भला, हट कर माँडै शर
कुत्ते ते क्रोधी बुरा, गुरू दिलावै गार
कुत्ते ते क्रोधी बुरा, गुरू दिलावै गार
निंदा से बहुत भला तो कुता है, जो कि दूर हटकर भौंकता है। परंतु कुत्ते से भी अधिक क्रोध करने वाल निंदा बुरा है जो अपने गुरू को गाली दिलवाता है। लोग सोचते हैं कि जब यही ऐसा अज्ञानी और परनिन्दा करने वाला है तो इसका गुरू भी ऐसा ही होगा।
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