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Thursday, August 9, 2007

चाणक्य नीति:प्रीति में चालाकी जरूरी

  1. जो बात बीत गयी उसका सोच नहीं करना चाहिए। समझदार लोग भविष्य की भी चिंता नहीं करते और केवल वर्तमान पर ही विचार करते हैं।
  2. हृदय में प्रीति रखने वाले लोगों को ही दुःख झेलने पड़ते हैं। प्रीति सुख का कारण है तो भय का भी। अतएव प्रीति में चालाकी रखने वाले लोग ही सुखी होते हैं
  3. जो व्यक्ति आने वाले संकट का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रहे होते हैं वह उसके आने पर तत्काल उसका उपाय खोज लेते हैं।
  4. जो यह सोचता है कि भाग्य में लिखा है वही होगा वह जल्द खत्म हो जाता है।
  5. मन को विषय में लगाना बंधन है और विषयों से मन को हटाना मुक्ति है.

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