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Wednesday, February 27, 2008

चाणक्य नीति:सात को जगाएं और सात को नहीं

१.विद्यार्थी, नौकर, राहगीर, भूखा, भय से ग्रस्त, भंडारी तथा द्वारपाल सो रहे है तो उन्हें जगाना चाहिऐ, क्योंकि इनका कर्तव्य जागने पर ही पूरा होता है।
२.राजा, बालक, दूसरे का कुता, मूर्ख व्यक्ति, सांप, व्याघ्र और सूअर इन सात सोते हुओंको कभी भी नहीं जगाना चाहिए। इनके जागने से मनुष्य को हानि ही होगी। इनके आक्रमण से रक्षा करना कठिन होता है । अत: अच्छा यही है की यह सो रहे हों तो इन्हें जगाना नहीं चाहिए।
३.अपने आचरण के बिना ज्ञान व्यर्थ है और अज्ञानी मनुष्य को तो जीवन ही व्यर्थ है। सेनापति के बिना सेना व्यर्थ है और पति के बिना पत्नी का जीवन व्यर्थ है।
४.सदगुणरहित व्यक्ति की सुन्दरता व्यर्थ है। दुराचारी पुरुष का अच्छे वंश में उत्पन्न होना, आजीविका सुलभ न करने वाली विद्या और उपभोग में न आने वाला धन व्यर्थ है। इनकी कोई उपयोगिता होने के कारण महत्त्व नहीं रहता।

3 comments:

Anita kumar said...

बहुत खूब

Anonymous said...

सही कहा आपने

Anonymous said...

सही कहा आपने

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