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Sunday, October 14, 2007

राष्ट्र कल्याण कौन कर सकता है?

  1. व्यापक दृष्टि वाले अर्थात जिनमें संकुचित दृष्टि नहीं है अपने पक्ष वालों का-अपनी जातिका ही हित करना और अपने पक्ष से भिन्न मतवालों को कुचलना- यह दुष्ट भाव जिनमें नहीं है, जो सबके हित को व्यापक दृष्टि रखते हैं उनको ' ईयचक्षसा' है। इनको व्यापक दृष्टि वाले कहते हैं। ये लोग स्वराज्य को चलाने के अधिकारी हैं।
  2. दूसरे 'मित्रवत' व्यवहार करने वाले जनता कि मित्र, जो सबका कल्याण करने में दत्तचित्त रहते हैं, वह 'मित्रवत' व्यवहार करने वाले राज्य चलाने के अधिकारी हैं।
  3. तीसरे 'सूरय' अर्थात ज्ञानी , सत्य ज्ञान से प्रकाशित होने वाले विद्वान यथार्थ धारण करने वाले-ये भी स्वराज्य-शासन करने के अधिकारी हैं।

ऐसे ही लोग राष्ट्र पर शासन कर उसका उद्धार कर सकते हैं।

(कल्याण से साभार)

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