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Thursday, July 26, 2007

संत कबीर वाणी: जहाँ गुण की कद्र न हो

NARAD:Hindi Blog Aggregator

जहाँ न जाको गुन लहै , तहां न ताको ठांव
धोबी बसके क्या करे, दीगम्बर के गाँव
इसका आशय यह है कि जहाँ पर जिसकी योग्यता या गुण का प्रयोग नहीं होता, वहाँ उसका रहना बेकार है। धोबी वहां रहकर क्या करेगा जहां ऐसे लोग रहते हैं जिनके पास पहनने को कपडे नहीं हैं या वह पहनते नहीं है। अत: अपनी संगति और स्वभाव के अनुकूल वातावरण में रहना चाहिए। भावार्थ यह है कि जहां गुण की कद्र न हो वहां नहीं जना चाहिऐ

1 comment:

travel30 said...

To AAkhir Sant Kabir Bhi Adsense Ke Chakkar mein pad hi gaye????? hume padaya gyan ka path aur khud chale maya batorne?

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