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Friday, September 5, 2008

संत कबीर वाणीः सच का महत्त्व कोई नहीं समझता

सांचै कोइ न पतीयई, झूठै जग पतियाय
पांच टका का धोपटी, सात टके बिक जाय

संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि सत्य में कोई विश्वास नहीं करता और लोग झूठ के झांस में आसानी से फंस जाते हैं। यही कारण है कि झूठ बोलने वाले व्यापारी का सामान अधिक दाम पर बिक जाता है।

सांचे कोई न पतीयई, झूठै जग पतिपाय
गलीगली गो रस फिरै, मदिरा बैठ बिकाय


संत शिरोमणि कबीरदास जी के अनुसार सत्य के महत्व कोई नहीं जानता और इसलिये उसका साथ नहीं देता। जैसे दूध और दही बेचने वाले तो घूमकर उसे बेचते हैं पर शराब दुकान पर ही बैठे बिक जाती है।

सांच कहै तो मारि है, यह तुरकानी जोर
बात कहै सतलोक की, कर गहि पकड़ै चोर


संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि सच बोलने पर दुनियां के लोग मारने और लड़ने को दौड़ पड़ते हैं। इस संसार के लोग तो सच बोलने वाले को चोर कहकर उसका हाथ पकड़ लेते हैं।
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संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप

2 comments:

admin said...

कबीरदास जी एम0ए0 में मेरे विशेष कवि थे। वे सिर्फ एक कवि ही नहीं एक सम्पूर्ण आन्दोलन थे। उनकी रचनाएँ दुबारा पढना अच्छा लगा।

Udan Tashtari said...

सुना आपकी तबीयत खराब है. शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए मेरी शुभकामनाऐं.

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