skip to main |
skip to sidebar
समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-
पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका
चाणक्य वाणी: दुष्टो की संगत विनाश का कारण
-

- बुरे व्यवहार करने वाले कर्मचारियों (सहयोगियों ) तथा बुरे स्थान पर रहने वाले दुष्ट लोगों से मित्रता करने वाला मनुष्य का संकट में पड़कर विनाश होना निश्चित है।
- पत्नी की मृत्यु, अपनों द्वारा अपमान, ऋण की वृद्धि, दुष्ट राजा की सेवा, दरिद्रता, दुष्टों की संगत मनुष्य का शरीर बिना आग के जलाया करती हैं।
- नदी के किनारे के पेड, दुसरे के घर जाकर बैठने वाली स्त्री बिना मंत्री का राजा यह सब शीघ्र नष्ट हो जाते हैं।
- निश्चित वस्तु को छोड़कर जो व्यक्ति अनिश्चित की ओर भागता है वह निश्चित से भी हाथ धो बैठता है, अनिश्चित पाने की तो वैसे भी संभावना नहीं रहती।
अन्य लोकप्रिय ब्लोग/पत्रिकायें
No comments:
Post a Comment