tag:blogger.com,1999:blog-2193265903962653594.post558914170538997327..comments2023-11-24T14:53:53.081+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दलेख सारथी-पत्रिका: भृतहरि शतक:कामदेव की है विचित्र लीलादीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2193265903962653594.post-74707284385697644412008-05-25T13:02:00.000+05:302008-05-25T13:02:00.000+05:30काम प्राणी के अवचेतन में जीवन का प्रतीक है, जिसे भ...काम प्राणी के अवचेतन में जीवन का प्रतीक है, जिसे भी मृत्यु से जितना डर लगता है वह उतना ही ज़्यादा कामुक हो जाता है.<BR/>इसीलिए 'सेक्स-हिंसा' शब्द युग्म का प्रयोग आधुनिक युग के अपराध साहित्य में भी होता है. अति हिंसक लोग अति-कामुक भी होते हैं.Anonymousnoreply@blogger.com