tag:blogger.com,1999:blog-2193265903962653594.post3167589573643114646..comments2023-11-24T14:53:53.081+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दलेख सारथी-पत्रिका: संत कबीर वाणी-मांस का भक्षण मनुष्य के लिये नहीं (Kabir ke dohe)दीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2193265903962653594.post-1114157794985403342009-07-07T08:03:13.806+05:302009-07-07T08:03:13.806+05:30मांस तो श्वान का भोजन है फिर मनुष्य की देह पाकर उस...मांस तो श्वान का भोजन है फिर मनुष्य की देह पाकर उसे क्यों खाये।<br /><br />लेकिन मानता कौन है, सब लगे हुए हैं मांस खाने में।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.com